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HISTORY OF RAM MANDIR IN HINDI

HISTORY OF RAM MANDIR IN HINDI

HISTORY OF RAM MANDIR IN HINDI, राम मंदिर की कहानी:

330 साल के बाद मस्जिद बनने के बाद हक की जंग शुरू हुई, 134 साल तक चली कानूनी लड़ाई; सब कुछ जानें। भगवान राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। अयोध्या में बना राम मंदिर भारत समेत दुनियाभर में फैले हिंदुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। आज जो भव्य राम मंदिर आकार ले रहा है, उसके पीछे दशकों तक चली लंबी कानूनी लड़ाई है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का सफर काफी चुनौतियों भरा रहा है। बाबरी विवाद, आदालतों में चली लंबी लड़ाई और फिर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू होना। अब देशवासियों का 22 जनवरी का इंतजार लगभग खत्म हो गया है।”

राम मंदिर का इतिहास

1528: अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मस्जिद बनने से शुरु हुआ विवाद। इतिहास का सफर शुरू होता है। 1526 में मुगल शासक बाबर भारत आए, और उनके सूबेदार मीरबाकी ने दो साल बाद अयोध्या में मस्जिद बनवाई, जिसे बाबरी मस्जिद कहा गया। मुगल शासन के दौरान 1528 से 1853 तक हिंदू-मुस्लिम मामले में मुखरता नहीं थी। आदेशों के बाद 1858 में एफआईआर हुई और 1885 में अदालत ने राम जन्मभूमि के लिए लड़ाई को आगे बढ़ाया।

1858: बाबरी मस्जिद बनने के 330 साल बाद हुई पहली एफआईआर। 1858 में हवन और पूजन के बाद अयोध्या में हिंदू-मुस्लिम पूजा-नमाज की इजाजत हुई, जब अंग्रेजों की शासनकाल में इस मामले को कानूनी दस्तावेजों में प्रस्तुत किया गया।

1885: जब अदालत पहुंची राम के लिए पक्के घर की बात। 1885 में राम जन्मभूमि के लिए अदालत में लड़ाई हुई, जिसमें जज ने हिंदूओं को पूजा का अधिकार दिया, लेकिन मंदिर की छत डालने की अनुमति नहीं दी।

1949: मूर्तियों का प्रकटीकरण। 1949 में आजादी के बाद राम जन्मभूमि पर मूर्तियों का प्रकटीकरण हुआ, जब देश भर में आंदोलन चल रहा था।”

 

 

                                                                                     RAM MANDIR
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